स्कन्द पुराण हिंदी पुस्तक PDF | Skand Puran PDF Hindi Book

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स्कन्द पुराण में भगवान् शिव

स्कन्द शैवों का बड़ा ही महत्त्वपूर्ण पुराण है। इसमें भगवान् शिव संबंधी लगभग सभी कथाओं तथा शैव-मान्यताओं का वर्णन है। यह पुराण न केवल शैव पुराणों में अपितु सभी अठारह पुराणों में सबसे बड़ा है। नारद पुराण में ब्रह्माजी मरीचि से कहते हैं कि “मैंने शतकोटि पुराण में जो शिव की महिमा का वर्णन किया है, उसके सारभूत अर्थ का व्यासजी ने स्कन्द पुराण में वर्णन किया है।”

स्कन्द पुराण दो रूपों – संहितात्मक एवं खण्डात्मक में पाया जाता है। स्कंद पुराण (के संहितात्मक रूप) में 6 संहिताएँ हैं:

  1. सनत्कुमार
  2. सूत
  3. शांकरी
  4. वैष्णवी
  5. ब्राह्मी
  6. सौरी

इन सभी संहिताओं की कुल श्लोक संख्या लगभग एक लाख है। नारद पुराण में केवल खण्डात्मक स्कंद पुराण का उल्लेख है। इसमें माहेश्वर, वैष्णव, ब्राह्म, काशी, अवन्ति, नागर और प्रभास ये सात खण्ड हैं। नारद पुराण के अनुसार इसमें लगभग 81,000 श्लोक हैं। स्कंद पुराण के प्रभासखण्ड के प्रारंभ में भी स्कंद पुराण के श्लोकों की संख्या 81,000 बतायी गयी है। मत्स्य पुराण (53/41-42), वामन पुराण और भागवत पुराण के अनुसार भी श्लोकों की कुल संख्या 81,000 है पर अग्नि पुराण के अनुसार कुल श्लोक संख्या 84,000 है।

इस पुराण के खण्डात्मक रूप के चार अलग-अलग पाठ पाये जाते हैं:

  1. वेंकटेश्वर प्रेस (जिसमें 94,313 श्लोक हैं)
  2. बंगवासी प्रेस
  3. नवलकिशोर प्रेस (लखनऊ)
  4. गुरुमण्डल प्रेस

इन चारों संस्करणों के विषयों में अन्तर है। उदाहरण के लिए:

  • चौरासी लिंगमाहात्म्य, जो वेंकटेश्वर प्रेस के अवन्तिखण्ड के द्वितीय भाग तथा गुरुमण्डल प्रेस संस्करण के अवन्तिखण्ड के प्रथम भाग में पाया जाता है, वह लखनऊ के नवल किशोर संस्करण में नहीं पाया जाता।
  • गुरुमण्डल संस्करण के अवन्तिखण्ड के तीसरे भाग के करीब 110 अध्याय वेंकटेश्वर संस्करण से काफी अन्तर रखते हैं।
  • गुरुमण्डल संस्करण में रेवाखण्ड के अन्तर्गत सत्यनारायण माहात्म्य पाया जाता है, जबकि वह वेंकटेश्वर प्रेस के संस्करण में नहीं पाया जाता।

स्रोत:

  • नारद पुराण
  • मत्स्य पुराण
  • वामन पुराण
  • भागवत पुराण
  • अग्नि पुराण

स्कन्द पुराण हिंदी पीडीऍफ़ ( Skand Puran PDF Hindi Book) के बारे में अधिक जानकारी:-

Name of Bookस्कन्द पुराण हिंदी पीडीऍफ़| Skand Puran Purana PDF Hindi Book
Name of AuthorGeeta Press
Language of BookHindi
Total pages in Ebook)1406
Size of Book)3 GB
CategoryReligious
Source/Creditsarchive.org

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FAQs

प्रश्न: ब्रह्मवैवर्त पुराण में कितने खण्ड हैं?
उत्तर: ब्रह्मवैवर्त पुराण में चार खण्ड हैं: ब्रह्म खण्ड, प्रकृति खण्ड, गणपति खण्ड और श्रीकृष्ण जन्म खण्ड।

प्रश्न: ब्रह्मवैवर्त पुराण का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इस पुराण का मुख्य उद्देश्य भगवान श्रीकृष्ण और राधाजी की महिमा का वर्णन करना और उनके जीवन की लीलाओं को प्रस्तुत करना है।

प्रश्न: ब्रह्मवैवर्त पुराण किस काल में लिखा गया था?
उत्तर: ब्रह्मवैवर्त पुराण का मौजूदा संस्करण संभवतः 15वीं-16वीं शताब्दी में रचा गया था।

प्रश्न: ब्रह्मवैवर्त पुराण का वैज्ञानिक महत्व क्या है?
उत्तर: इस पुराण में सृष्टि के भू-मंडल, जल-मंडल और वायु-मंडल में विचरण करने वाले सभी जीवों के जन्म और पालन पोषण का वर्णन किया गया है। इसमें कहा गया है कि सृष्टि में असंख्य ब्रह्माण्ड हैं, जिसे वैज्ञानिक भी मान्यता देते हैं।

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