लिंग पुराण हिंदी पुस्तक PDF | Ling Puran PDF Hindi Book

5/5 - (7 votes)

लिंग पुराण हिंदी पीडीऍफ़’ PDF Quick download link is given at the bottom of this article. You can see the PDF demo, size of the PDF, page numbers, and direct download Free PDF of Ling Puran in hindi pdf’ using the download button.

लिंग पुराण: संक्षिप्त सारांश

लिंग पुराण भारतीय सनातन संस्कृति की अमूल्य निधि और अनंत ज्ञानराशि है। इसे पंचम वेद माना गया है, क्योंकि इसमें वेदों के अर्थों का विस्तार मिलता है। पुराणों का महत्त्व इसलिए भी है कि वेदों में जो बातें नहीं मिलतीं, वे पुराणों के माध्यम से ज्ञात होती हैं। इनकी कथा-शैली और रोचक प्रस्तुति के कारण यह सरल और अधिक ग्राह्य हैं। लिंग पुराण भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है और इसमें मानव मात्र के कल्याण की बातें होती हैं।

लिंग पुराण कुल अठारह महापुराणों में से एक है, जिसमें परमात्मा परमशिव को निर्गुण-निर्विकार लिंग के रूप में वर्णित किया गया है। यह पुराण भगवान शिव के निराकार रूप का गुणगान करता है और इसे साक्षात महादेवी पार्वती की वेदी पर स्थित माना गया है।

लिंग पुराण के भाग और विषयवस्तु:

  • पूर्वभाग: इसमें 108 अध्याय हैं। मुख्य विषयों में माहेश्वर योग, सदाशिव का ध्यान, योगसाधना, भगवान शिव के अवतारों की कथा, ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति, लिंगार्चन-विधि, भस्म और रुद्राक्ष की महिमा, नंदीश्वर की कथा, सूर्य-चन्द्र वंश वर्णन, शिव सहस्त्रनाम स्तोत्र, शिव पूजन की महिमा आदि शामिल हैं।
  • उत्तरभाग: इसमें 55 अध्याय हैं। प्रमुख विषयों में भगवद्गुणगान की महिमा, विष्णु भक्तों के लक्षण, दरिद्रा का प्रादुर्भाव, द्वादशाक्षर मंत्र की महिमा, शिव की अष्टमूर्तियों की कथा, शिवाराधना, शिव दीक्षा विधि, तुला पुरुष दान की विधि, मृत्यंजय मंत्र आदि शामिल हैं। अंत में पुराण की फलश्रुति है।

लिंग पुराण का महत्व:

लिंग पुराण विशेष रूप से शिवोपासना पर आधारित है और इसमें शिव और विष्णु के अभेदत्व का प्रतिपादन हुआ है। इसमें आयी स्तुतियाँ गेय और कंठस्थ करने योग्य हैं। इसके आख्यान रोचक और भगवद्भक्ति को स्थिर करने वाले हैं। लिंग पुराण में सदाचार धर्म और नित्यकर्मों के संपादन की महिमा बताई गई है। इसके उपदेश कल्याणकारी हैं और इसमें कहा गया है कि सभी शास्त्रों के बार-बार आलोडन के बाद यही निष्कर्ष निकाला जाता है कि सदा नारायण का ध्यान करना चाहिए।

विशेष उल्लेख:

पं. लक्ष्मीधर द्वारा रचित ‘कृत्यकल्पतरु’ में लिंग पुराण के सोलह अतिरिक्त अध्याय मिलते हैं जो वर्तमान लिंग पुराण में शामिल नहीं हैं। इनमें वाराणसी क्षेत्र की महिमा और यहाँ के शिवायतनों का वर्णन है।

प्रकाशन:

लिंग पुराण का संपूर्ण हिंदी अनुवाद 2012 में प्रकाशित हुआ था। भाषा टीका सहित इसका पुन: प्रकाशन किया जा रहा है, जिससे पाठकों को प्रसन्नता और लाभ मिलेगा।

लिंग पुराण हिंदी पीडीऍफ़ ( Ling Puran PDF Hindi Book) के बारे में अधिक जानकारी:-

Name of Bookलिंग पुराण हिंदी पुस्तक PDF | Ling Puran PDF Hindi Book
Name of AuthorGeeta Press
Language of BookHindi
Total pages in Ebook)834
Size of Book)64 MB
CategoryReligious
Source/Creditsarchive.org

नीचे दिए गए लिंक के द्वारा आप लिंग पुराण हिंदी पीडीऍफ़ ( Ling Puran PDF in Hindi ) पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं ।

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here