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Durga Saptashati PDF – पुस्तक का परिचय
“Durga Saptashati” हिंदू धर्म का एक सर्वमान्य और अत्यंत पवित्र ग्रंथ है। इस ग्रंथ में भगवती दुर्गा की कृपा और उनके चमत्कारिक इतिहास का वर्णन मिलता है, साथ ही इसमें गूढ़ साधन रहस्यों को भी विस्तार से समझाया गया है। कर्म, भक्ति और ज्ञान की त्रिधारा को प्रवाहित करने वाला यह ग्रंथ भक्तों के लिए एक कल्पवृक्ष के समान है, जो उनकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करता है।
सकाम भक्त इस ग्रंथ का पाठ करके अपने मनोवांछित लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं, चाहे वह भौतिक सुख-संपदा हो या फिर दुर्लभ मोक्ष। निष्काम भक्त, जो सांसारिक इच्छाओं से मुक्त होते हैं, उन्हें इस ग्रंथ के माध्यम से परम मोक्ष की प्राप्ति होती है। राजा सुरथ को महर्षि मेधा ने कहा था, “महाराज, आप भगवती परमेश्वरी की शरण में जाइए। वह आपकी आराधना से प्रसन्न होकर आपको भोग, स्वर्ग, और मोक्ष का वरदान देंगी।”
राजा सुरथ ने भगवती की आराधना की और उन्हें अखंड साम्राज्य की प्राप्ति हुई, वहीं वैराग्यवान वैश्य को दुर्लभ ज्ञान और मोक्ष प्राप्त हुआ।
सप्तशती का महत्व और विशेषताएँ
“Durga Saptashati” का पाठ करने से अब तक न जाने कितने भक्तों की मनोकामनाएँ पूर्ण हो चुकी हैं। यह पुस्तक, जो कि भगवती दुर्गा की कृपा से संक्षिप्त पाठ-विधि के साथ प्रस्तुत की गई है, उन भक्तों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो सरल और शुद्ध पाठ करना चाहते हैं। इस पुस्तक में कथा-भाग और अन्य महत्वपूर्ण बातें ‘कल्याण’ के विशेषांक ‘संक्षिप्त मार्कण्डेय ब्रह्मपुराणांक’ से ली गई हैं, जिससे इसकी प्रामाणिकता बनी रहती है।
पाठ करने की विधि को स्पष्ट और सरल रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिससे नए पाठकों के लिए भी इसका अनुसरण करना आसान हो जाता है। इस ग्रंथ के मूल पाठ को शुद्ध रखने का विशेष प्रयास किया गया है, क्योंकि आजकल प्रकाशित होने वाली अधिकांश पुस्तकों में अशुद्धियाँ देखने को मिलती हैं। इस पुस्तक में ऐसे दोषों से बचने की पूरी कोशिश की गई है।
पाठकों की सुविधा का ध्यान रखते हुए
इस पुस्तक में कहीं-कहीं महत्त्वपूर्ण पाठांतर भी दिए गए हैं, जिससे पाठक ग्रंथ के गहरे अर्थों को समझ सकें। इसके साथ ही, शापोद्धार के विभिन्न प्रकार, कवच, अर्गला और कीलक के अर्थ भी विस्तार से दिए गए हैं। वैदिक और तांत्रिक रात्रिसूक्त, देवीसूक्त, देव्यथर्वशीर्ष, सिद्ध कुंजिकास्तोत्र, मूल सप्तश्लोकी दुर्गा, श्रीदुर्गाष्टोत्तरशतनामस्तोत्र, श्रीदुर्गामानसपूजा और देव्यपराधक्षमापनस्तोत्र को भी इस पुस्तक में सम्मिलित किया गया है, जिससे इसकी उपादेयता और अधिक बढ़ गई है।
इसके अतिरिक्त, नवार्ण विधि और आवश्यक न्यास भी पुस्तक में शामिल किए गए हैं। सप्तशती के मूल श्लोकों का पूरा अर्थ भी दिया गया है, और तीनों रहस्यों में आए गूढ़ विषयों को टिप्पणियों द्वारा स्पष्ट किया गया है।
सप्तशती का पाठ और अनुभव
“Durga Saptashati” के पाठ में विधि का पालन करना महत्वपूर्ण है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है भगवती दुर्गा माता के चरणों में प्रेमपूर्ण भक्ति। जब कोई व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति के साथ इस ग्रंथ का पाठ करता है, तो उसे शीघ्र ही भगवती की कृपा का अनुभव हो सकता है।
श्रीदुर्गासप्तशती सचित्र हिंदी पीडीऍफ़ ( Durga Saptashati Gita Press free PDF Hindi Book) के बारे में अधिक जानकारी:-
Name of Book | श्रीदुर्गासप्तशती सचित्र | Ram Raksha Stotra PDF |
Name of Author | Geeta Press |
Language of Book | Hindi |
Total pages in Ebook) | 240 |
Size of Book) | 3 MB |
Category | Religious |
Source/Credits | archive.org |
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