देवी भागवत पुराण हिंदी पीडीएफ | Devi Bhagwat Puran Gita Press Volume 1 & 2 PDF Hindi Book

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देवी भागवत पुराण (गीता प्रेस) खंड 1 और 2 का सारांश

‘श्रीमद्देवीभागवतमहापुराण’ हिंदू धर्म में एक प्रमुख ग्रंथ है, जो पुराण साहित्य में वेदों के समान ही पवित्र और महिमामय स्थान रखता है। शक्तिपूजक इसे ‘शाक्तभागवत’ के नाम से जानते हैं। इस ग्रंथ का मुख्य उद्देश्य परब्रह्म परमात्मा के मातृरूप का वर्णन करना और भगवती आद्याशक्ति की लीलाओं का प्रतिपादन करना है।

इस पुराण में देवी के मातृभाव का विशेष महत्व बताया गया है, जो संसार के सभी प्राणियों के लिए अत्यधिक पूजनीय है। माता को सर्वप्रथम गुरु के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है, और उसकी करुणा तथा कृपा को सभी लोकों के कल्याण का आधार माना गया है। देवी के विभिन्न रूपों की महिमा का वर्णन इस पुराण में विस्तार से किया गया है, जैसे कि महाशक्ति के रूप में देवी का सृजन, पालन, और संहार का कार्य, और देवी के नौ दुर्गाओं तथा दस महाविद्याओं के रूप में प्रतिष्ठित रूप।

इस पुराण में देवी को परमात्मस्वरूपिणी महाशक्ति के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है, जो जगत की सृजन, पालन, और संहार करने वाली शक्ति हैं। देवी की शक्ति से ही ब्रह्मा सृष्टि करते हैं, विष्णु पालन करते हैं, और शिव संहार करते हैं। देवी को कई नामों और रूपों में पूजा जाता है, जैसे कि अन्नपूर्णा, कात्यायनी, ललिता, काली, दुर्गा आदि।

इस ग्रंथ का मुख्य संदेश यह है कि हमें संसारिक आसक्तियों को त्यागकर वैराग्य की ओर प्रवृत्त होना चाहिए और अपने जीवन को भगवती की शरण में समर्पित करना चाहिए। श्रीमद्देवीभागवत हमें सिखाता है कि हम किस प्रकार अपने जीवन को सुख, समृद्धि और शांति से पूर्ण कर सकते हैं, और भगवती की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

‘श्रीमद्देवीभागवत’ और ‘श्रीमद्भागवत’ दोनों ही महापुराण हैं, लेकिन उनके दर्शन अलग-अलग हैं। श्रीमद्देवीभागवत का संबंध सारस्वतकल्प से है, जबकि श्रीमद्भागवत का संबंध पाद्मकल्प से। दोनों ही पुराण अपने-अपने स्थान पर सुप्रतिष्ठित हैं और भक्तों के लिए अत्यधिक उपादेय हैं।

गीता प्रेस ने इस महान ग्रंथ का हिंदी अनुवाद और टीका सहित प्रकाशन किया है। यह ग्रंथ भक्तों और साधकों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है, और इसकी कथा एवं पारायण की परंपरा भी प्रचलित है। श्रीमद्देवीभागवत का पठन और श्रवण करने से मनुष्य के अंतःकरण की परिशुद्धि होती है और भगवती में रति तथा विषयों में विरति प्राप्त होती है।

पाठक इस ग्रंथ का अध्ययन करके न केवल ज्ञान और भक्ति की प्राप्ति कर सकते हैं, बल्कि अपने जीवन में भी आध्यात्मिक उन्नति कर सकते हैं।

देवी भागवत पुराण हिंदी गीता प्रेस पीडीऍफ़ ( Devi Bhagwat Puran Gita Press PDF Hindi Book) के बारे में अधिक जानकारी:-

Name of Bookदेवी भागवत पुराण हिंदी गीता प्रेस | Devi Bhagwat Puran Gita Press PDF
Name of AuthorGeeta Press
Language of BookHindi
Total pages in Ebook)1621
Size of Book)92 MB
CategoryReligious
Source/Creditsarchive.org

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