सामवेद संहिता (हिंदी) पीडीएफ | SamVeda PDF Hindi Book

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सामवेद का परिचय

भारतीय संस्कृति के सबसे प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में वेदों का महत्वपूर्ण स्थान है। वेद चार प्रकार के हैं – ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद। सामवेद का स्थान इनमें तृतीय है और यह विशेष रूप से संगीत से सम्बंधित है। ‘साम’ शब्द का अर्थ ‘गान’ होता है, अतः सामवेद का अर्थ गीत होता है। इस वेद में यज्ञ, अनुष्ठान और हवन में गाए जाने वाले मंत्र सम्मिलित हैं।

सामवेद के भाग

सामवेद मुख्यतः दो भागों में विभाजित है:

  1. आर्चिक: इसमें ऋचाओं का समूह होता है, जो दो हिस्सों में बंटा है – पूर्वार्चिक और उत्तरार्चिक।
  2. गान: इसमें गाने वाले मंत्र होते हैं।

सामवेद की शाखाएं

सामवेद की कई शाखाएं हैं, जिनमें से वर्तमान में तीन प्रमुख शाखाएं मिलती हैं:

  1. कौथुमीय
  2. राणायणी
  3. जैमिनीय

सामवेद का महत्व

सामवेद का विशेष महत्व है। भगवद गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है, “वेदानां सामवेदोऽस्मि” अर्थात् वेदों में मैं सामवेद हूँ। इस वेद का भारतीय संगीत में महत्वपूर्ण योगदान है, और इसे भारतीय संगीत का मूल कहा जाता है।

सामवेद के तथ्य

  • सामवेद के मंत्र संगीतमय हैं और इन्हें गाया जा सकता है।
  • यज्ञ और अनुष्ठान में मंत्रों का गायन होता है।
  • अधिकांश मंत्र ऋग्वेद से लिए गए हैं, जबकि कुछ स्वतंत्र रूप से सामवेद के हैं।
  • सामवेद की गायन पद्धति का वर्णन नारदीय शिक्षा ग्रंथ में मिलता है, जिसे आधुनिक भारतीय और कर्नाटक संगीत में सा-रे-गा-मा-पा-धा-नि-सा के नाम से जानते हैं।

सामवेद की आचार्य परंपरा

सामवेद के पहले आचार्य जैमिनि माने जाते हैं। वेदव्यास ने अपने शिष्य जैमिनि को सामवेद की शिक्षा दी थी। जैमिनि के बाद सुमंतु, सुन्वान और सुकर्मा ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया।

सामवेद की शाखाओं का विवरण

सामवेद की शाखाओं की संख्या कभी एक हजार तक मानी जाती थी, परंतु वर्तमान में तीन ही प्रमुख शाखाएं उपलब्ध हैं।

सामवेद के अध्याय और ऋचाएं

सामवेद के पूर्वार्चिक में छह अध्याय और 640 ऋचाएं हैं, जबकि उत्तरार्चिक में 21 अध्याय और 1225 ऋचाएं हैं। इस प्रकार, सामवेद में कुल 1865 ऋचाएं हैं।

निष्कर्ष

सामवेद का अनुवाद सायण भाष्य पर आधारित है। सायणाचार्य ने वैदिक ऋचाओं को समझाने के लिए तीन साधनों – परंपरागत ज्ञान, तर्क और मनन – का सहारा लिया। सामवेद की ऋचाओं का अनुवाद सरल और सुबोध भाषा में किया गया है, ताकि आम हिंदी पाठक इसे आसानी से समझ सकें। सामवेद भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसका अध्ययन ज्ञानवर्धक होने के साथ-साथ रोचक भी है।वाद सहायक सिद्ध होगा।त उपयोगी है। आशा है कि इस संक्षिप्त परिचय से पाठकों को अथर्ववेद की महत्ता और उसकी विषय वस्तु की गहराई का एक आभास मिला होगा।

सामवेद संहिता हिंदी पीडीऍफ़ ( SamVeda PDF Hindi Book) के बारे में अधिक जानकारी:-

Name of Bookसामवेद संहिता | SamVeda PDF
Name of Authorडा. रेखा व्यास
Language of BookHindi
Total pages in Ebook)310
Size of Book)2 MB
CategoryReligious
Source/Creditsarchive.org

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