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शिव पुराण एक हिंदू पवित्र ग्रंथ है जो भगवान शिव के जीवन और महिमा का वर्णन करता है। यह अठारह पुराणों में से एक है, और इसे हिंदू धर्म में सबसे अधिक बार पढ़ा जाने वाला पुराण माना जाता है।
गीता प्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित शिव पुराण इन हिंदी एक संक्षिप्त संस्करण है जो मूल ग्रंथ को सरल और सुगम भाषा में प्रस्तुत करता है। यह उन लोगों के लिए एकदम सही है जो शिव पुराण को पढ़ने में रुचि रखते हैं, लेकिन वे संस्कृत में मूल ग्रंथ को पढ़ने में सक्षम नहीं हैं।
इस पुस्तक में 12 अध्यायों में भगवान शिव के जीवन के विभिन्न पहलुओं का वर्णन किया गया है, जिसमें उनके जन्म, विवाह, उनके विभिन्न रूप और अवतार, और उनके द्वारा किए गए विभिन्न चमत्कार शामिल हैं। इसमें शिव पुराण में वर्णित विभिन्न पूजा विधियों और मंत्रों का भी वर्णन है।
शिव पुराण इन हिंदी एक मूल्यवान पुस्तक है जो उन लोगों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम कर सकती है जो शिव पुराण को पढ़ना चाहते हैं। यह उन लोगों के लिए भी एक अच्छा संदर्भ हो सकता है जो शिव पुराण पर आधारित पूजा विधियों और मंत्रों का अभ्यास करना चाहते हैं।
यह पुस्तक गीता प्रेस की उच्च गुणवत्ता मानकों के अनुसार प्रकाशित की गई है, और इसमें एक सुंदर और आकर्षक कवर है। यह पुस्तक उन लोगों के लिए एक उत्कृष्ट उपहार हो सकती है जो शिव पुराण में रुचि रखते हैं।
Shiv Puran PDF in Hindi ( शिव पुराण इन हिंदी ) के बारे में अधिक जानकारी:-
Name of Book | Shiv Puran PDF in Hindi / शिव पुराण इन हिंदी |
Name of Author | Geeta Press |
Language of Book | Hindi |
Total pages in Ebook) | 850 |
Size of Book) | 787 MB |
Category | Religious |
Source/Credits | archive.org |
पुस्तक के कुछ अंश (Excerpts From the Book) :-
“शिवपुराण” एक महत्वपूर्ण पुराण है, जिसमें भगवान शिव के महत्वपूर्ण रूप, उनकी महिमा, उपासना और रहस्यों का वर्णन है। इस पुराण में परमेश्वर के “शिव” रूप का तात्त्विक विश्लेषण किया गया है और उनके महान गुणों की महिमा चित्रित की गई है। शिव को मात्र एक पौराणिक देवता नहीं, बल्कि पंचदेवों में प्रधान और अनादि सिद्ध परमेश्वर माना गया है। वेदों में भी उनकी महत्ता का गान है। उन्हें सदाशिव, ईश्वर और परमेश्वर के रूपों में स्तुति दी गई है।
शिव का अर्थ होता है “कल्याणस्वरूप” और “कल्याणप्रदाता”। उनकी उपासना सभी के लिए मंगलकारी है, चाहे वो सिद्ध, योगी या आम व्यक्ति हों। उनके उपासना से आत्मा के कल्याण की प्राप्ति होती है और वे सर्वसिद्धिदायक हैं।
यह सब प्रमाणित है कि प्राचीन काल से ही शिव की उपासना ने भारतीय सभ्यता में अपनी जगह बनाई है, और यह प्रथा आज भी जीवंत है। शिव की महिमा, उपासना और उनके अवतार के किस्से इस पुराण में सुंदरता से व्यक्त किए गए हैं। यह ग्रंथ ज्ञानप्रद और प्रेरणादायक कथाओं के साथ-साथ उनकी पूजा-पाठ की भी विधियों को बताता है।
इस ग्रंथ की पढ़ाई से सभी आस्तिक और ज्ञानी लोग अपने आत्मा को निक्षिप्त करके आगे बढ़ सकते हैं। “शिवपुराण” के अनुसार शिव के महत्वपूर्ण रूप, ज्ञानप्रद आख्यान और प्रेरणादायक कथाएं हर धार्मिक और ज्ञान की तलाश में रहने वालों के लिए एक अमूल्य स्रोत है।